जौनपुर, फरवरी 18 -- परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहालों के पोषण का जिम्मा रसोइयों पर है। वे एमडीएम में रोज तरह-तरह का भोजन परोसकर बच्चों को सेहतमंद बनाती हैं। अल्प मानदेय के बावजूद सुबह नौ बजे स्कूल पहुंचती हैं तो शाम तीन बजे ही निकल पाती हैं। इस दौरान उन्हें कई दुश्वारियों से दो चार होना पड़ता है। उन्हें मलाल है कि उनके खुद की सेहत और सुरक्षा के प्रति कोई जिम्मेदार गंभीर नहीं दिखता। वे चाहती हैं कि मानदेय तो बढ़े ही, जिंदगी सुरक्षित रखने के लिए भी ठोस पहल हो। करीब 55 लाख की आबादी वाले जिले में चार लाख से अधिक बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ते हैं। उन स्कूलों में बच्चों के एमडीएम का इंतजाम आठ हजार से अधिक रसोइया करती हैं। भंडारी स्टेशन के पास हैदरगंज परिषदीय स्कूल में 'हिन्दुस्तान के सामने रसोइयों ने अपनी समस्याओं की गठरी खोली। बताय...
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