जौनपुर, अप्रैल 20 -- घर की ड्यौढ़ी पर बैठे बुजुर्ग सम्मान के प्रतीक होते हैं। इनके इस सम्मान को बढ़ाने के लिए हर साल अक्तूबर महीने की पहली तारीख को वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। इसमें जगह जगह शिविर लगाए जाते हैं, बुजुर्गों के सम्मान, उनकी देखभाल और कल्याण की बातें की जाती हैं, लेकिन अफसोस की इनमें से कई को सुविधा और सम्मान नहीं मिल रहा है। बुजुर्गों की इच्छा है कि बुढ़ापे की लाठी रूपी पेंशन मिले और सुविधा के साथ सम्मान मिले तो जिंदगी जिंदगी और आगे बढ़ेगी। सिकरारा ब्लाक के लाला बाजार स्थित एक हॉल में जुटे बुजुर्गों ने 'हिन्दुस्तान से बात की। कहा कि कल्याण की बातें की जाती हैं, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। रामआसरे, लालबहादुर,महेंद्र जैसे कई वृद्धजन गांव-कस्बों में जीवन बिता रहे, जिन्हें सरकार की योजनाओं की दरकार है। कहते हैं कि जिन कंधों पर...
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