भागलपुर, मार्च 18 -- जमुई जिले में निजी स्कूलों की भरमार है। ये विद्यालय अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलते हैं। निजी प्रकाशकों की किताबें ऊंचे मूल्यों पर बेची जा रही हैं। सिलेबस के साथ किताबों की शिक्षा विभाग मॉनिटरिंग नहीं करता। स्कूल ड्रेस और अन्य सामान चिह्नित दुकानों से ही लेना पड़ता है। दोबारा नामांकन फीस भी देनी पड़ती है। अभिभावकों को लूटा जा रहा है। संवाद के दौरान अभिभावकों ने बताया कि अशिक्षा माफिया बच्चों के परिजनों की जेबों पर डाका डाल रहे हैं। मनचाहे प्रकाशकों की किताबें लेने का दबाव रहता है। इनमें शहर के अधिकांश निजी स्कूल शामिल हैं। निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना मध्यम वर्ग के लिए मुश्किल होता जा रहा है। 05 सौ निजी विद्यालय किये जा रहे हैं संचालित 01 सौ 80 स्कूलों ने ही अब तक कराया है पंजीयन 24 बच्चों का ही अब तक आरटीई के तहत ...