भागलपुर, दिसम्बर 28 -- - प्रस्तुति : संतोष कुमार सिंह भीषण ठंड और घने कुहासे के बीच पेट की पीड़ा पर जीत हासिल करने को हर दिन सैंकड़ों राजमिस्त्री व मजदूर जमुई शहर के कचहरी, महिसौड़ी और हरनाहा चौक पर काम की उम्मीद में खड़े दिखते हैं। लखीसराय के मननपुर व भलूई, जमुई गिद्धौर जैसे गांवों से आने वाले ये श्रमिक सुबह से मंडी सजाते हैं। कहीं काम मिल गया तो खुशकिस्मती, नहीं तो मायूसी लिए लौट जाते हैं। मॉल और बहुमंजिली इमारतें खड़ी करने वाले इन कारीगरों की सारी मेहनत सिर्फ दो जून की रोटी के इंतजाम में खर्च हो जाती है। वे बताते हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिलता, न औजार खरीदने के पैसे हैं, न रोज काम। सरकार की ओर से दी गई पांच-पांच हजार की मदद भी कुछ गिने-चुने मजदूरों तक ही पहुंची। उनका कहना है कि प्रशासन को असंगठित मजदूरों की स्थिति पर गंभ...