भागलपुर, मार्च 26 -- हिन्दू समाज में पर्व-त्योहारों के अलावा शादी से लेकर श्राद्ध तक नाई समाज के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनके घर की महिलाएं भी समाज में योगदान देती हैं। सैलून का संचालन कर ये लोगों को बढ़िया दिखने में मदद करते हैं। आज भी नाई समाज के लोगों का जीवन स्तर उन्नत नहीं हो सका है। रोजगार के लिए संसाधनों की कमी झेल रहे हैं। प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं है। ऋण आसानी से नहीं मिलता। बोले जमुई संवाद के दौरान सैलून संचालकों ने अपनी परेशानी बताई। 05 सौ से अधिक छोटे-बड़े सैलून हैं जिले में 05 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं इस पेशे से 02 सौ से एक हजार तक हो जाती है रोज कमाई पारंपरिक पेशे से जुड़े नाई समाज के लोग संसाधनों के अभाव में जी रहे हैं। समाज के शिक्षित लोगों ने व्यापार और अन्य व्यवसाय को भी अपनाया है। बावजूद नाई परिवार की सामाज...