भागलपुर, मार्च 5 -- वर्तमान में फिजियोथेरापिस्ट की मांग हर जगह बढ़ रही है। दुर्घटना के कारण चोट या टूटी हड्डियों को ठीक करने में अब फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका अहम हो गई है। जीवन शैली में आए बदलाव और दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी की वजह से हड्डियों की टूट-फूट बढ़ गई है। ऐसे में इनकी भूमिका अहम हो गई है। मरीजों का दर्द दूर करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट खुद कई तकलीफों से गुजर रहे हैं। इन्हें लंबे समय से सरकारी नियुक्ति की उम्मीद है। निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में काम का दबाव रहता है लेकिन वेतन कम मिलता है। 01 सौ से अधिक फिजियोथेरेपिस्ट हैं जमुई जिले में 12 से अधिक फिजियोथेरेपी सेंटर हैं जमुई शहर में 15 वर्ष पहले जिले में नहीं थे एक भी सेंटर, जाते थे दूसरे जिले शहर में रोज दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। लोगों को चोट लग रही है। सर्जरी के बाद शारीरिक क्षमता सामा...
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