भागलपुर, जुलाई 31 -- प्रस्तुति : शंकर किशोर सिंह शहर की हर सड़क, गली और नाली सिंगल-यूज पॉलीथिन के जहर से जूझ रही है। यह सिर्फ पर्यावरण संकट नहीं, बल्कि शहरी व्यवस्था की असफलता का प्रतीक है, जो मामूली बारिश में ही चरमरा जाती है। सरकारी अभियान और कागजी प्रतिबंध प्रभावहीन साबित हो रहे हैं, जबकि प्लास्टिक का संकट हर दिन गंभीर होता जा रहा है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि न प्रशासन गंभीर दिखता है, न नागरिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं। निजी स्कूलों की उदासीनता से भविष्य की पीढ़ी में भी पर्यावरण चेतना नहीं पनप रही है। यह समस्या केवल नियमों से नहीं, सामाजिक भागीदारी और जिम्मेदार नागरिकता से ही सुलझेगी। प्रतिबंध के बावजूद झाझा नगर परिषद क्षेत्र में पॉलीथिन का खुलेआम उपयोग हो रहा है। पॉलीथिन पर पाबंदी की घोषणा को अब काफी समय बीत चुका है, लेकिन नगर क्षेत्र म...
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