भागलपुर, अप्रैल 28 -- परिवार समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। परिवार में बुजुर्गों को विशेष सम्मान प्राप्त होता है, क्योंकि वे अनुभव, ज्ञान और मार्गदर्शन का भंडार होते हैं। किंतु आधुनिक जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलते सामाजिक मूल्यों के कारण वृद्धजनों की उपेक्षा बढ़ने लगी है। इस स्थिति में वृद्धाश्रम की अवधारणा सामने आई, जो एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वृद्धाश्रम एक ऐसा स्थान है जहां बुजुर्गों को रहने, खाने-पीने, चिकित्सा, मनोरंजन और देखभाल की सुविधा प्रदान की जाती हैं। ये आश्रम उन बुजुर्गों के लिए सहारा बनते हैं, जिन्हें उनके परिवार ने छोड़ दिया है। जो अपने परिवार के साथ रह पाने में असमर्थ हैं। संवाद के दौरान जिले के बुजुर्गों ने अपनी परेशानी बताई। 04 सौ रुपए प्रतिमाह मिलती है पेंशन, नहीं होता खर्च पूरा 03 हजार रुपए प्रतिमाह पेंश...