भागलपुर, दिसम्बर 9 -- - प्रस्तुति : राजनीकान्त उच्चत्तर माध्यमिक परीक्षा के बाद आधे से अधिक छात्राओं की पढ़ाई आर्थिक तंगी और सामाजिक चिंताओं के कारण रुक जाती है। बेटियों की शिक्षा में सबसे बड़ी बाधा अभिभावकों की सुरक्षा संबंधी चिंता है। वे चाहकर भी उन्हें शहरों में उच्च शिक्षा के लिए नहीं भेज पाते। हालांकि, सरकार की पोशाक योजना, साइकिल योजना और पंचायत स्तर पर विद्यालयों की स्थापना से शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है। साथ ही, सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण ने भी बेटियों के हौसले को नई उड़ान दी है। अब वे लगातार सफलता की नई ऊंचाइयां छू रही हैं और समाज तथा गांव का नाम रोशन कर रही हैं। फिर भी, आर्थिक असमानता, संसाधनों की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा संस्थानों की दूरी बेटियों की प्रगति में बड़ी बाधा हैं। आवश्यकता है कि सरकार और समा...