भागलपुर, दिसम्बर 16 -- - प्रस्तुति : उपेंद्र कुमार यादव एकल उपयोग प्लास्टिक आज जान-माल पर जंजाल बन गया है। यह ऐसी समस्या है जिससे गांव और शहर समान रूप से जूझ रहे हैं। हर गली, बाजार और मोहल्ले में प्लास्टिक कचरे के ढेर आम दृश्य बन चुके हैं। बेतहाशा इस्तेमाल ने न सिर्फ बाजार की सुंदरता बिगाड़ी है बल्कि जनजीवन को भी खतरे में डाल दिया है। स्थानीय बुद्धिजीवियों के अनुसार, प्लास्टिक का सबसे प्रत्यक्ष असर बाजार की नालियों पर पड़ता है। लोग उपयोग के बाद पॉलीथिन की थैलियां नालियों में फेंक देते हैं, जिससे वे जाम हो जाती हैं। नतीजा यह होता है कि थोड़ी बारिश में ही गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है और आसपास के इलाकों में बदबू और अस्वच्छता फैल जाती है। यह समस्या धीरे-धीरे नासूर बनती जा रही है, जिससे न सिर्फ पर्यावरण बल्कि इंसानों का स्वास्थ्य और जीवन ग...