भागलपुर, मई 31 -- जमुई जिले के बरहट प्रखंड के तमकुलिया गांव के वार्ड नंबर 5 में बसी है तुरी समाज के दर्जनों घरों की आबादी। यह समुदाय बांस से विभिन्न प्रकार की सामाग्री बनाकर जीविकोपार्जन करता है। बांस का उपयोग हस्तशिल्प, वाद्ययंत्र, फर्नीचर, बर्तन, कागज, कपड़े, अगरबत्ती और अन्य वस्तुओं को बनाने में किया जाता है। इसी बांस से सूप और टोकरी भी बनाई जाती है। छठ के समय सूप की अधिक डिमांड होती है। वहीं लग्न के समय भी इनकी बनाई सामग्री की मांग होती है। तुरी समाज के लोगों का आज भी अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बांस से बनाए सामान बेच कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। संवाद के दौरान इन्होंने अपनी परेशानी बताई। 03 सौ घर हैं बरहट में तुरी समाज के 25 सौ की है आबादी, नहीं हुआ विकास 02 सौ से 250 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं प्रखंड...
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