भागलपुर, मई 21 -- सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी होने के बावजूद सिमुलतला के तमाम निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। कभी किताबों की महंगाई, कभी मनमानी फीस तो कभी ट्रांसपोर्ट का जबरन शुल्क, गर्मी की छुट्टियों में भी वसूली, हर मोर्चे पर अभिभावकों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है। शिक्षा का बाजार बना दिया गया है। जहां बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा मुनाफा देखा जाता है। सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद तमाम निजी स्कूल अपना नियम खुद बनाते हैं। अभिभावक चाह कर भी विरोध नहीं कर पाते, क्योंकि डर होता है कि बच्चा स्कूल में प्रताड़ित न हो। संवाद के दौरान अभिभावकों ने अपनी परेशानी बताई। 03 से पांच हजार तक होती है किताबों की कीमतें 10 से 25 फीसदी तक हर वर्ष बढ़ा दी जाती है फीस 15 ...