पूर्णिया, नवम्बर 24 -- जिले की महत्वपूर्ण नागी एवं नकटी जलाशय योजना के सूखे पड़े सिंचाई कैनाल के कारण इलाके के किसानों को कृषि कार्य में काफी समस्याएं हो रही है। वर्ष 2004 से लेकर अब तक करोड़ों रुपए मरम्मत और जीर्णोद्वार के नाम पर खर्च किए गए बावजूद भी गिद्धौर, झाझा और जमुई प्रखंड के किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया। सिंचाई विभाग, प्रमंडल संख्या-2, झाझा के तहत आने वाली नागी ब्रांच केनाल सं. 01, 02, 03 एवं 04 का उद्देश्य क्षेत्र के सैंकड़ों हेक्टेयर किसानों के खेतों तक जल पहुंचाना था, लेकिन दो दशक बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। जीर्णोद्धार कार्य के नाम पर विभागीय पदाधिकारी एवं संवेदक द्वारा जिस तरह से आज तक मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि का आपस में बंदरबांट कर लिया जाता रहा। उसका कोई दूसरा उदाहरण नही हो सकता। बताते चलें की ...