भागलपुर, फरवरी 15 -- 03 सौ से अधिक दुकानें हैं जमुई शहर में टेलर्स की 15 सौ से अधिक लोग काम करते हैं इन दुकानों पर 10 हजार लोगों का हो रहा इस काम से भरण-पोषण दर्जी सदियों से अपनी कला और कुशलता से लोगों को संवारते हैं। ऐसे लिबास बनाते हैं, जो व्यक्ति के शरीर की शोभा बढ़ाते हैं। गांव-शहर में जगह-जगह इनकी दुकानें मिल जाती हैं। दुकानें चल भी रही हैं लेकिन बदलते दौर में दर्जियों को भी अपने पुश्तैनी काम में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रेडीमेड कपड़ों का बाजार इनके धंधे को मंदा कर रहा है। लोग अब कपड़े सिलवाने के बजाय सिले-सिलाए कपड़े खरीद रहे हैं। जमुई शहर में बड़ी संख्या में रहने वाले दर्जी भी परेशान हैं। साल के दो-तीन माह को छोड़ दें तो उनके पास काम का टोटा रहता है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान दर्जी समुदाय ने अपनी परेशानी साझा की। जमुई ...
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