भागलपुर, मई 8 -- दूसरे के कपड़ों को चमकाने वाले रजक समाज के लोग बदहाली और समस्याओं से घिरे हुए हैं। इस समाज को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साफ पानी की किल्लत, बिजली की बढ़ती दर व आधुनिक मशीनों से मिल रही चुनौती ने उनकी आमदनी को काफी प्रभावित किया है। पहले जहां पूरे बाजार और शहर के लोग अपने कपड़े धुलवाने के लिए इसी समाज के लोगों पर निर्भर थे। वहीं अब बड़े-बड़े लॉन्ड्री और वाशिंग मशीनों ने उनके काम को प्रभावित किया है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान रजक समाज के लोगों ने अपनी परेशानी बताई। 35 सौ की आबादी है रजक समाज की जमुई जिले में 03 सौ से 500 रुपये तक प्रतिदिन होती है कमाई 01 लाख रुपये की मिले सहायता तो बढ़ेगा रोजगार जमुई में धोबी जाति समाज की आबादी लगभग 3500 है, जो मुख्य रूप से कपड़ा धोने का काम करते हैं। किसी प्रकार की सरकारी सहायत...