भागलपुर, जून 3 -- इमामों व मौलानाओं की परेशानी जमुई जिले की मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमाम और मदरसों में दीनी तालीम देने वाले मौलाना इन दिनों गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। मामूली वेतन में न घर का खर्च चल रहा है, न बच्चों की पढ़ाई हो पा रही है। समाज की सेवा में दिन-रात जुटे ये लोग बिना शिकायत किए अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। ये सवाल उठा रहे हैं कि आखिर उनकी खिदमत का वाजिब हक कब मिलेगा? पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों में जहां इमामों के लिए वजीफा तय है, वहीं बिहार में अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान जिले के इमाम और उलेमाओं ने अपनी परेशानी बताई। प्रस्तुति : असद खान मस्जिदों के इमाम और मदरसों के उलेमा जिले में आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। घर-परिवार से दूर रहकर 24 घंटे समाज की खिद...