भागलपुर, जुलाई 20 -- प्रस्तुति: राजीव कुमार कलम के धनी कायस्थ समाज के लोग हाशिए पर हैं। खुद को अब पेशेगत रूप में कमजोर महसूस कर रहे हैं। समाज के लोगों की मांग है कि उन्हें राजनीतिक भागीदारी मिले। कायस्थ का मुख्य पेशा कलम से जुड़ा है, जो मुख्य रूप से निबंधन कार्यालय में कातिव, वकालत और अकाउंटिंग से जुड़ा है। कमाई कम होने से इससे समाज के लोगों को नई पीढ़ियों को संबल बनाने में परेशानी आ रही है। हिन्दुस्तान संवाद में समाज के लोगों का कहना है कि राजनीतिक भागीदारी मिले, ताकि समाज के भी गरीब लोगों को आगे बढ़ने और रोजगार प्राप्त करने का समान अवसर मिले। जमुई जिले में लगभग 35 हजार से अधिक कायस्थ समाज के लोग हैं। जमुई विधानसभा में लगभग 13 हजार से अधिक कायस्थ वोटर लिस्ट से जुड़े हुए हैं। जमुई में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एवं ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस संगठन...
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