पूर्णिया, जुलाई 29 -- प्रस्तुति: अरुण बोहरा झाझा रेलवे स्टेशन स्थित ब्रिटिशकालीन 'त्रिमूर्ति' तालाब की स्थिति बदहाल है। वर्षों से उपेक्षित ये तालाब अब गंदगी, कचरा, सड़ांध और प्रदूषण के कारण 'स्वच्छ भारत मिशन' की भावना का मजाक उड़ाते नजर आते हैं। बरसात के मौसम में जब जलस्तर बढ़ता है तो धुआंटोली, बाबूबांक और शिव बाजार जैसे आसपास के मोहल्लों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। स्थानीय लोगों और दुकानदारों को जलभराव और गंदगी से भारी परेशानी होती है। ये ऐतिहासिक धरोहर अब संरक्षण और कायाकल्प की बाट जोह रही है, लेकिन जिम्मेदार विभाग मौन हैं। झाझा स्थित ब्रिटिशकालीन 'त्रिमूर्ति रेलवे तालाब दशकों बाद भी अपनी बदहाल स्थिति में ही है। न तो इनकी सूरत बदली, न ही सीरत। विगत वर्षों में तालाबों के जीर्णोद्धार की योजनाएं कई बार बनीं, लेकिन अबतक कोई भी योजना धर...