जमशेदपुर, फरवरी 18 -- शहर में सोने-चांदी की कारीगरी का काम कर चमकाने वाले सोनार समाज के लोग अपने ही धंधे में बेगाने हो गए हैं। वर्षों से यह उनका पुश्तैनी धंधा रहा है, लेकिन हाल के दिनों में ब्रांडेड ज्वेलरी दुकानें खुलने और बड़े-बड़े उद्योग घरानों के इसमें आने के बाद उनकी स्थिति कमजोर हुई है। इससे इस कारोबार में सोनार समाज के लोगों की संख्या घट रही है। ऐसे में वे अब नौकरी और दूसरे क्षेत्रों में काम की तलाश में जुटे हैं। हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान आभूषणों की कारीगरी करने वालों ने अपनी परेशानियां बताईं। शहर में कारीगरी करने वाले लोगों ने बताया कि सोनार जाति के लोग कन्नौज से निकले और गया में जाकर बस गए। इसके बाद वे वहां से धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर बसने लगे। इसी क्रम में कन्नौजिया सोनार जमशेदपुर में भी आकर बस गए। कदमा शास्त्री...