जमशेदपुर, मार्च 31 -- शहर में कबड्डी का खेल दशकों से होता आ रहा है। इसके बावजूद यहां इस खेल को उचित पहचान नहीं मिल पाई है। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चे और युवा कबड्डी खेलते हैं, लेकिन उनके लिए एक भी बेहतर मैदान नहीं है। इस कारण यहां इस खेल को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। शहर के एकमात्र कबड्डी मैदान की भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां के खिलाड़ियों से बात की गई तो कई समस्याएं सामने आईं। कबड्डी पूरी तरह से शारीरिक खेल है। इसके लिए लगातार अभ्यास करना पड़ता है। इसके खिलाड़ी शरीर से तगड़े होते हैं, ताकि खेल के दौरान जब वे विरोधी खेमे के हत्थे चढ़ जाएं तो खुद को छुड़ाकर अपने पाले में आ सके। हालांकि इसमें उनकी फूर्ति भी काफी काम आती है और कई बार ये खिलाड़ी वह सब कर जाते हैं, जो अन्य खिलाड़ी नहीं कर पाते। शहर में भी कबड्डी के एक हजार से ...