गोरखपुर, फरवरी 20 -- Gorakhpur news: वर्ष 2006 के दिसम्बर माह में गोरखपुर जिले में युवाओं ने रोजगार सेवक की संविदा वाली नौकरी को इसलिए ज्वाइन किया था कि भविष्य ठीक रहेगा। समय-समय पर मानदेय मिलेगा और लगातार सेवा के बाद नियमितिकरण भी होगा, लेकिन जिले में कार्यरत 800 रोजगार सेवकों की आर्थिक सेहत ठीक नहीं है। तय दस हजार रुपये के मानदेय में से ईपीएफ कटौती के बाद इन्हें 7788 रुपये ही मिलते हंै, वह भी समय से नहीं। इनकी होली, दीवाली उधार पर ही मनती है। रोजगार सेवक कहते हैं कि मजदूर मंडी में एक दिन का मानदेय 500 से लेकर 550 रुपये पहुंच गया है। लेकिन हमारा मानदेय दिहाड़ी मजदूर के बराबर भी नहीं है। इनका कहना है कि सरकार मानदेय तो बढ़ाए ही, यह भी सुनिश्चित करे कि मानदेय महीने में किसी भी एक तय तिथि को मिल जाए। गोरखपुर। गोरखपुर में तैनात करीब 800 रोजगार...
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