गोरखपुर, फरवरी 15 -- Gorakhpur News -टोल टैक्स, ईएमआई का बोझ, आरटीओ के टैक्स में बेतहाशा बढ़ोतरी के साथ गलाकाट प्रतियोगिता के बीच ट्रक ऑपरेटरों की स्थिति अब पहले जैसी नहीं रह गई है। धंधे के बड़े खिलाड़ियों को छोड़ दें तो ट्रेड की चकाचौंध देखकर आने वाले युवा कारोबारियों की स्थिति मझधार में फंसी नाव जैसी अच्छी है। सरकार की सख्ती के साथ आरटीओ और ट्रैफिक विभाग की मनमानी से ट्रक संचालक बुरी तरह प्रभावित हैं। गोरखपुर में करीब 10 हजार ट्रक आरटीओ में पंजीकृत हैं। इनमें से बमुश्किल 30 फीसदी भी सड़कों पर सक्रियता से दौड़ते दिखते हैं। तमाम ट्रक ईएमआई नहीं चुकता करने से गैराज में खड़े हैं तो कई आरटीओ की मोटी फीस के चलते खड़े हैं। गोरखपुर। जिले में ट्रक ऑपरेटरों की सर्वाधिक मुश्किल मानक विपरीत टोल टैक्स से है। वाराणसी से सोनौली जाने में बमुश्किल 45 किलोमीटर क...