गोरखपुर, मार्च 7 -- घोष कंपनी से कोतवाली की तरफ जाने वाली सड़क के दोनों तरफ और गलियों में बिजली के उपकरणों की छोटी-बड़ी 200 से अधिक दुकानों पर रोज करोड़ों रुपये का थोक और फुटकर कारोबार होता है। कारोबारियों का दर्द है कि चार दशक पुराने मार्केट की कोई पहचान नहीं है। हर कोई अपनी सुविधा के अनुसार इसका नामकरण करता है। इस बाजार का नाम 'बिजली मार्केट होना चाहिए, जिससे पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आने वाले फुटकर कारोबारियों को राहत मिले और मार्केट को पहचान भी मिले। गोरखपुर। नब्बे के दशक में घोष कंपनी से कोतवाली की तरफ जाने वाली सड़क पर बिजली के उत्पादों की पहली दुकान खुली तो किसी को अंदाजा नहीं था कि यह रोड पूर्वांचल की सबसे प्रमुख बिजली उपकरणों के मार्केट के रूप में गुलजार होगी। यहां प्रतिदिन करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। व्यापारी हर साल करोड़ों ...