गोरखपुर, मार्च 16 -- Gorakhpur news: परिवार का भरण-पोषण करने को सड़क किनारे ही दुकान लगाकर रोजमर्रा की दुश्वारियों से जंग लड़ने वाले पटरी कारोबारियों की जिंदगी में बेशुमार दर्द है। पटरी व्यापारियों को स्थाई ठिकाना और रोजगार के लिए कवायद तो हो रही है, लेकिन जमीन पर उसका असर नहीं दिख रहा है। नगर निगम ने तीन स्थानों पर वेंडिंग जोन बनाकर दुकानें बनाईं, लेकिन यहां बाजार गुलजार नहीं हो सका। जिन्हें मुख्यमंत्री के हाथों पटरी कारोबार को लेकर ऋण मिला, उन्हें भी अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दिया गया। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से पटरी दुकानदारों ने अपना दर्द बयां किया। इनका दर्द है कि उन्हें बसाने के लिए दावे तो कई बार किए गए, लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं हो सका है। रोजी-रोटी कमाने को घर से निकलते हैं, लेकिन अतिक्रमण हटाओ दस्ते की गाली सुनकर ही कई बार लौट...