गोरखपुर, मई 10 -- भारतीय सेना द्वारा पहलगाम में आतंकी हमले का करारा जवाब देने के बाद सेना के मनोबल को बढ़ाने में स्वास्थ्य क्षेत्र पीछे नहीं है। गुरुवार को 'हिन्दुस्तान के बोले गोरखपुर कार्यक्रम में एकत्र हुए चिकित्सक, पैरामेडिकल और तकनीकी स्टाफ युद्धकाल में स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर काम करने को तैयार हैं। कोविड काल में किए गए कार्यों का जिक्र करते सभी ने एक स्वर में कहा वे फ्रंटलाइन वर्कर की तरह तैनात रहेंगे, इलाज के लिए सभी तरह के मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं.... गोरखपुर। युद्ध एक विकट परिस्थिति है। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। ऐसे समय में चिकित्सा एवं पैरामेडिकल कर्मियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक भी सैनिकों की तरह 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहकर मरीजों क...