गोरखपुर, मार्च 3 -- Gorakhpue news: मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए महिलाओं और शिशुओं को पोषण आहार उपलब्ध कराने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां इन दिनों खुद शोषण की शिकार हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मिलने वाले पोषण की खुराक में भ्रष्टाचार का दीमक लग गया है। भ्रष्टाचार की तिकड़ी में कोटेदार, स्वयं सहायता समूह संचालक व प्रधान शामिल हैं। इनके मकड़जाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां फंस कर रह गई हैं। कार्यक्त्रिरयों ने इस पर खुलकर अपनी बात रखी। गोरखपुर। जिले में 4244 आंगनबाड़ी केंद्र है। इन केन्द्रों पर एक-एक आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री एवं सहायिका तैनात हैं। इनका मुख्य कार्य प्रति एक हजार की आबादी में मौजूद महिला और बच्चों को कुपोषण से बचाना है। उन्हें पोषण आहार देना है। इसमें सूखा राशन, टेक होम राशन और पका हुआ राशन लाभार्थियों को दिया जाता है। इ...