गोंडा, जून 22 -- नगर निकायों को छोड़कर अन्य कस्बों, बाजारों के साथ राजस्व गांवों में सफाई का जिम्मा जिले के 1794 सफाई कर्मियों पर है। करीब दो दशक से साफ-सफाई का जिम्मा उठाने वाले सफाई कर्मियों का कहना है कि अब तक हम लोगों की सेवा नियमावली नहीं बनी है। एनपीएस कटौती की हम लोगों को कोई जानकारी नहीं मिलती है। मृतक आश्रितों को अब तक एनपीएस का भुगतान नहीं दिया गया है। साथ ही अफसर अपनी जरूरतों के मुताबिक विभिन्न कार्यालयों में संबद्ध कर लेते हैं। सफाई कर्मियों ने कहा कि जब तब अभियान के नाम पर हम लोगों को विभिन्न जगहों पर भेज दिया जाता है। यही नहीं, वीवीआईपी की ड्यूटी के नाम पर सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगा दी जाती है। सफाई कर्मियों का कहना है कि बड़ी ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए। बोले गोंडा मुहिम के तहत सफाई कर्मियों ने अपन...