गोंडा, नवम्बर 5 -- जिले के ग्रामीण इलाकों में विकास की गाड़ी सड़कों पर ही अटक गई है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई जा रही सड़कों की हालत कुछ ही महीनों में खस्ताहाल हो जाती है। जिम्मेदारों की मिलीभगत और मानकों की अनदेखी के चलते सड़कें समय से पहले ही जर्जर हो जा रही है। हिंदुस्तान के बोले गोण्डा मुहिम के तहत ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में भारी अनियमितताओं का खुलासा किया है। गोण्डा। जिले में लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। लाखों, करोड़ों रुपये की लागत से बनाई जा रही सड़कों की गुणवत्ता इतनी खराब है कि वे कुछ ही महीनों में उखड़ने लगती हैं। मानकों की अनदेखी और निगरानी तंत्र की कमजोर भूमिका के चलते जिले की कई सड़कें अपनी निर्धारित आयु पूरी करने से पहले ही जर्जर हो चुकी हैं। यह स्थिति साबित करती है कि निर्माण कार्य में न केवल लाप...
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