गोंडा, जुलाई 16 -- सरकारी आंकड़ों में महज कुछ सौ मवेशी छुट्टा घूम रहे हैं लेकिन हकीकत इससे अलग है। बीते दिनों गोंडा शहर में ही इंश्योरेंस कंपनी की कर्मी स्वाति सिंह को सांड़ ने पटककर मार डाला था। इससे पहले देहात कोतवाली के सोनबरसा और मनकापुर के कुंजलपुर में मवेशी के हमले में दो लोगों ने दम तोड़ दिया था। जिले की चालीस लाख से ज्यादा आबादी में 70 प्रतिशत लोग खेती-किसानी पर निर्भर हैं। गोंडा। जिले में छुट्टा पशुओं से किसान बेहाल हैं लेकिन जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं। आवारा पशुओं से बचाव के लिए हालांकि गोशाला बनाई गई है, लेकिन पशुओं के झुंड खेतों में पहुंचकर लगी फसलों को नष्ट कर रहे हैं। किसान फसलों की रखवाली में दिन-रात जुटे रहते हैं। इसके बावजूद भी अपनी गाढ़ी कमाई की फसलों को नहीं बचा पा रहे हैं। हिन्दुस्तान के बोले गोंडा मुहिम में रूपईडीह...
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