गोंडा, दिसम्बर 19 -- जिले में पशुपालन विभाग की स्वास्थ्य सेवाएं सीमित संसाधनों के सहारे संचालित हो रही हैं। 36 पशु चिकित्सालयों के संचालन की जिम्मेदारी महज 14 पशु चिकित्सकों के कंधों पर है। जिले में कुल 44 पशु सेवा केंद्र संचालित हैं, जिनमें से केवल 30 पर ही तैनाती है। सिर्फ 13 वेटनरी फार्मासिस्टों के सहारे अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। गोण्डा। जिले में मवेशियों के इलाज के लिए पशुपालकों को काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। इसकी प्रमुख वजह जिले में पशु चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर कमी बताई जा रही है। जिले के 36 राजकीय पशु चिकित्सालयों और 44 पशु सेवा केंद्रों का संचालन महज 14 पशु चिकित्सकों के भरोसे किया जा रहा है। सीमित संसाधनों और कम मानव संसाधन के बावजूद ये चिकित्सक न सिर्फ अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं, बल्कि 132 गो आश्रय स्थलों में रह...