गोंडा, दिसम्बर 5 -- शहर में मोहल्लों और कॉलोनियों के कायाकल्प की बातें तो खूब होती हैं, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। शहर के दिल में बसे करीब 145 वर्ष पुराने पटेल नगर मोहल्ले और उसके साथ सटे आवास विकास की कॉलोनियों की हालत आज भी बेहाल है। गोण्डा। पटेलनगर मोहल्ले को दशकों तक शहर का संभ्रांत इलाका माना जाता रहा। दर्जनों पुराने रिहायशी मकान आज भी इसकी पुरानी पहचान के साक्षी हैं। नगर पालिका ने इसे करीब 145 वर्ष पूर्व सीमा में शामिल किया था, ताकि यहां रहने वालों को बेहतर नागरिक सुविधाएं मिल सकें। लेकिन समय बीता, शहर बदला, मगर पटेल नगर और आवास विकास की दशा नहीं बदली। करीब 20 हजार आबादी वाले इस वार्ड में 500 से अधिक मकान हैं, लेकिन सड़कें संकरी और जर्जर, नालियां चोक, जलभराव आम समस्या। क्षेत्र के ऐतिहासिक दुखहरणनाथ मंदिर के पास ...