गोंडा, सितम्बर 20 -- जिले के पारंपरिक मूर्तिकार बढ़ते महंगाई और आधुनिकता के दौर में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मिट्टी की कमी, बढ़ती लागत और स्थायी बाजार की अनुपलब्धता के कारण कई मूर्तिकार अपने पेशे को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए। हिन्दुस्तान के बोले गोंडा मुहिम में शामिल मूर्तिकारों ने बताया कि बदलते सामाजिक परिवेश में शहर से गांव तक हमारा व्यवसाय आज संकट के दौर से गुजर रहा है। विभिन्न समस्याओं की कमी की वजह से हम लोग अपना पुश्तैनी पेशा छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। अब केवल नवरात्र और दुर्गापूजा के चलते थोड़ी बहुत रौनक बची हुई है। गोण्डा। जिले में दुर्गा पूजा को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर तैयारी शुरू हो चुकी है। चौक-चौराहों पर पंडाल सजाने का खाका खींचने के साथ दूसरे राज्यों से आए मूर्तिकार मां की प्रतिमाओं क...