गोंडा, सितम्बर 11 -- जिले की चारों तहसीलों व शहर से लेकर गांवों तक की हर गली और चौक-चौराहे, मोहल्लों तक में आवारा पशुओं का झुंड नजर आता है। पशुओं के बीच सड़क पर बैठने और विचरण करने से राहगीरों को काफी दिक्कत होती है। वहीं, गली-मोहल्ले में छुट्टा पशु, कुत्ते और बंदर लोगों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। गोण्डा। जिले में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। शहर में सबसे ज्यादा खतरा सड़क पर बैठे मवेशियों से है। लोगों ने बताया कि चौराहे से लेकर गली और खेतों तक मवेशियों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। इससे किसानों के साथ ही राहगीरों और व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों ने बताया कि शहर से लेकर गांवों तक छुट्टा पशुओं, बंदरों और आवारा कुत्तों के आतंक से हर कोई परेशान है। सड़क पर बैठे जानवरों से दुर्घटना ...