गोंडा, अक्टूबर 13 -- जिले में स्वास्थ्य विभाग के सबसे निचले पायदान पर खड़ी आशा बहुओं के हाथ निराशा ही लग रही है। वह नियत मानदेय की मांग पूरी न होने से तंगहाली में जीवन गुजार रही हैं। मानदेय, सरकारी कर्मचारी का दर्जा और सामाजिक सुरक्षा की चुनौती से वे लड़ रही हैं। उन्हें कम प्रोत्साहन राशि, काम का अधिक बोझ और समय पर भुगतान न मिलने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गोण्डा। आशा बहुएं ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। लेकिन मौजूदा समय में वह खुद कई समस्याओं से जूझ रही हैं। नाममात्र की प्रोत्साहन राशि, वह भी समय से नहीं मिलती। उन पर बढ़ता कार्यभार, सुरक्षा की कमी और सरकारी कर्मचारी का दर्जा न मिलने से वे निराश हैं। हिन्दुस्तान के बोले गोंडा मुहिम में शामिल आशा कार्यकर्त्रियों ने कहा कि बढ़ती महंगाई में सिर्फ अल्प भुगतान कि...