गोंडा, जुलाई 29 -- गांव-कस्बा कौन कहे यहां मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध बाबू ईश्वर शरण अस्पताल परिसर में भी हमेशा जलजमाव रहता है। हल्की सी बरसात में ही क्षेत्रीय निदान केंद्र (आरडीसी) के सामने तालाब सी स्थिति नजर आती है। गोण्डा। जिले में हर साल लोग संक्रामक रोग के शिकार बनते हैं, जिसमें से कई को तो अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। पिछले वर्ष तो कटराबाजार क्षेत्र में एक ही परिवार के कई लोग उल्टी - दस्त के कारण काल के गाल में समा गए थे। जिले की करनैलगंज व तरबगंज तहसील क्षेत्र के सैकड़ो गांव बाढ़ से प्रभावित रहते हैं, जहां संक्रामक रोग की संभावना सबसे अधिक हो जाती है। इन सबके बावजूद भी संक्रामक रोगों को लेकर कोई विशेष पहल दिखाई नहीं देती है। यह बात जरुर है कि स्वास्थ्य महकमा संक्रामक रोगों के प्रति थोड़ा सा जागरुक जरुर नजर आता है। महकमें की ओर स...