गोंडा, अगस्त 23 -- जिले में धान, गन्ना व मक्का सहित विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती होती है। बुवाई के साथ ही खाद का उपयोग होता है। रबी सीजन हो या खरीफ, हमेशा उर्वरक के लिए किसानों को जूझना पड़ता है। मौजूदा समय में भी जिले में किसान यूरिया लेने के लिए पूरे दिन समितियों पर खड़े रहते हैं। आलम ये है कि बड़ी संख्या में महिलाएं भी खाद लेने के लिए चूल्हा-चौका छोड़कर समितियों पर सुबह से ही पहुंच जाती है। गोण्डा। जिले में खरीफ सीजन की शुरुआत से ही उर्वरक की समस्या सामने आने लगी थी लेकिन जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। बीते कुछ दिनों से किसानों के समक्ष खाद की समस्या मुंह बाए खड़ी है। हालांकि, उर्वरक की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए जिले के अफसर छापेमारी के साथ ही समितियों पर भी पहुंच रहे हैं लेकिन स्थिति ज्यों कि त्यों बनी हुई है। सरकारी...