गोंडा, जून 15 -- बीते दिनों 12वीं की परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद आगे दाखिले को लेकर छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावकों की उधेड़बुन बढ़ गई है। जिले के तमाम छात्र-छात्राओं ने इंजीनियरिंग और मेडिकल में प्रवेश के लिए कोचिंग का सहारा लिया है। वहीं, सेल्फ स्टडी के दम पर तमाम छात्र-छात्राएं बीए या बीएससी की पढ़ाई के साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश परीक्षा में बैठने की बात कह रहे हैं। इनमें तमाम बच्चे इस साल ही नीट की परीक्षा में शामिल हुए। जिले में स्थित 90 डिग्री कॉलेजों में स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए पर्याप्त सीटें हैं। हालांकि, अनुदानित और सरकारी कॉलेजों में पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रम समेत कई अन्य व्यावसायिक कोर्स उपलब्ध नहीं है, जो कोर्स उपलब्ध हैं वह सेल्फ फाइनेंस हैं। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को इन कोर्सों में पढ़ाई करना किसी ...