गोंडा, जून 16 -- जिले में घाघरा व सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद हर साल दो तहसीलों के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। निचले इलाकों के लोग बाढ़ की विभीषिका को याद कर चिंतित हो जाते हैं। हर साल बाढ़ आने पर अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने लगते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का दंश झेलना हमारी किस्मत में लिख गया है। जिसको कोई मिटाने वाला नहीं है, जबकि सरकार हर साल बाढ़ से बचाव के लिए करोड़ों रुपये व्यय करती है। जिले के तरबगंज और करनैलगंज क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के हजारों घरों में बाढ़ का पानी हमेशा बर्बादी लाता है। लोगों की मानें तो बंधा जिला प्रशासन के लिए धंधा बन चुका है। हिन्दुस्तान के बोले गोंडा कार्यक्रम में उमरी बेगम क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित लोगों ने कहा कि हमारे लिए बाढ़ मुसीबत बनकर आती है और अफसरों के लिए आपदा...