गोंडा, फरवरी 27 -- 400 से ज्यादा सिलाई की दुकानें हैं गोंडा शहर में 1500 से अधिक पेशेवर सिलाई के कारोबार से जुड़े बोले गोंडा गोण्डा। शानदार और स्टाइलिश लिबास सिलकर लोगों की शान में चार चांद लगाने वाले सिलाई कारीगर बदलते दौर में अपनी रोजी-रोटी के लिए परेशान हैं। रेडीमेड गारमेंट के बढ़ते प्रचलन के बीच सिलाई की दुकानों और कारखानों पर घंटों काम करने के बाद भी इनके लिए परिवार चलना मुश्किल रहता है। पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ में दबे कारीगर परिवार की मूल जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते। आर्थिक संकट से बचने के लिए उन्हें दूसरे प्रदेश और बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। आज से लगभग डेढ़-दो दशक पहले रेडीमेड गारमेंट का कारोबार बढ़ा तो सिलाई मास्टर और कारीगर दोनों तबका खत्म होने के कगार पर पहुंच गया। हिन्दुस्तान ने बोले गोंडा मुहिम के तहत दर्जियों...