गोंडा, मई 1 -- जिले में इस बार गेहूं की फसल तैयार होते ही बेमौसम बारिश की मार पड़नी शुरू हो गई। इससे अन्नदाताओं के चेहरे पर विवशता साफ पढ़ी जा सकती है। कड़ाके की ठंड में हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद जब फसल घर आने का वक्त हुआ तो बारिश की वजह से फसल भीग गई। इससे गेहूं की गुणवत्ता खराब हो गई। सरकारी नियमों के मुताबिक 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर आपदा राहत देने का प्रावधान है। नियमों की पेचीदगी में फंसकर किसान हलकान हैं क्योंकि उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाएगा। भाकियू नेताओं समेत जिले के तमाम किसानों का कहना है कि हमारी फसल के दाने कमजोर पड़ने के साथ काले भी हो गए हैं। इसकी वजह से बाजार में उचित भाव मिलना मुश्किल है। हिन्दुस्तान की मुहिम बोले गोंडा में किसानों ने गेहूं की फसल को लेकर अपनी बेबसी बयां की। मुफ्त अनाज वितरण योजना बंद हो गोंडा। जिल...
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