गाजीपुर, फरवरी 14 -- गाजीपुर। दूसरों के अधिकारों की कानूनी लड़ाई लड़ने वाली महिला अधिवक्ताओं को मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कर्मचारियों के व्यवहार से वे नाराज दिखीं। वॉशरूम और कॉमन रूम न होने से उन्हें दिक्कत होती है। कचहरी परिसर में लचर सुरक्षा व्यवस्था से वे चिंतित दिखीं। उनका कहना है कि वे पूरी ईमानदारी से काम करती हैं। इसके बाद भी उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार क्यों होता है? जिला न्यायालय परिसर में 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान महिला अधिवक्ताओं ने कई समस्याएं साझा कीं। साक्षी सिंह ने बताया कि उन्होंने बड़े मन से कानून की पढ़ाई की। फिल्मों में वकीलों की बहस देख उनके मन में 'कुछ करने की भावना हिलोरे मारने लगी। एलएलबी करने के बाद कोर्ट पहुंचने पर उन्हें पता चला कि 'रील और 'रियल लाइफ में जमीन-आसमान का फर्क है। शुरू में सौ रु...