गाजीपुर, फरवरी 23 -- लहुरी काशी की महिला खिलाड़ियों का दमखम काबिलेतारीफ है। उनका 'कुछ कर गुजरने का जज्बा गजब है। मगर वे सुविधाओं-संसाधनों के अभाव में मात खा जाती हैं। उनका कहना है कि हॉकी, क्रिकेट और वॉलीबाल समेत दुनिया का कौन सा खेल है जहां उनकी श्रेष्ठता साबित नहीं हो सकती है! बशर्ते, शासन-प्रशासन उनकी नजरों से देखे। एक बार वे तैयार हो गईं तो फिर हर खेल में देश का परचम लहराएंगी। उन्हें कोई नहीं रोक पाएगा। आलम यह है कि कई जहीन खिलाड़ियों के पास ढंग के किट नहीं होते हैं। उन्हें प्रैक्टिस करने में दिक्कत होती है। खेल मैदान भी माशा अल्लाह! गोराबाजार के पास नेहरू स्टेडियम में 'हिन्दुस्तान को अपने बीच देख महिला खिलाड़ियों की आंखें उम्मीद से चमक उठीं। उम्मीद रास्ता बनने की। उम्मीद आवाज हुक्मरानों तक पहुंचने की और उम्मीद सुविधा-संसाधन मिलने की। ...
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