गाजीपुर, फरवरी 20 -- लोगों को सुरक्षित और समय से यात्रा कराने वाले रोडवेज चालक-परिचालक कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। परिवहन निगम ने नई बिल्डिंग तो बनवाई लेकिन उसमें शौचालय बनवाना भूल गया। पेयजल संकट बना रहता है। परिसर के बाहर से उठने वाली दुर्गंध यात्रियों-कर्मचारियों को परेशान करती है। शहरी क्षेत्र में जाम और अतिक्रमण तनाव देते हैं। जिम्मेदार भी उन्हीं रास्तों से गुजरते हैं लेकिन सभी समस्याएं नजरंदाज कर देते हैं। चालक-परिचालक मानते हैं कि समस्याओं का साथ छूट जाए तो बसों की स्टेयरिंग पर उनके हाथ ढीले होंगे। रोडवेज परिसर में 'हिन्दुस्तान से चर्चा में कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं साझा कीं। विवेकानन्द सिन्हा ने बताया कि रोडवेज में 125 चालक और 100 परिचालक काम करते हैं। इनके अलावा वर्कशाप और अन्य कार्यालयों में भी कर्मचारी तैनात हैं। कुल 71 बसों...