गाजीपुर, अप्रैल 2 -- मां-बाप अपने बच्चों का जीवन संवारने के लिए अपने जीवन की पूरी पूंजी लगा देते हैं लेकिन जब उनको सहारे की जरूरत होती है तब बच्चे मुंह फेर लेते हैं। वृद्धाश्रम इसके जीते-जागते उदाहरण हैं। गाजीपुर जैसे छोटे जनपद में इसका होना इस बात का संकेत देता है कि सामाजिक परिवेश तेजी से बदल रहा है। इनमें रह रहे बुजुर्ग परिवार के व्यवहार से आहत हैं। वहीं प्रशासन से भी शिकायतें कम नहीं हैं। डाक्टर सप्ताह में एक बार आते हैं और आश्रम के बाहर नशेड़ी हंगामा करते हैं लेकिन इनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। लंगड़पुर इलाके के वृद्धाश्रम में हिन्दुस्तान से बातचीत में वृद्धजनों ने अपनी समस्याओं को बताया। आश्रम की संचालिका ज्योत्सना ने बताया कि यहां 48 वृद्ध रहते हैं जिनमें 28 पुरूष और 20 महिलाएं हैं। बकौल ज्योत्सना अर्ध सरकारी संस्था है और खर्च ...