गाजीपुर, फरवरी 16 -- जिला महिला अस्पताल की नर्सें सुरक्षा, सम्मान और उचित वेतनमान नहीं मिलने से निराश हैं। वे कहती हैं कि हम लोगों का काम चुनौतीपूर्ण है। फिर भी, हमें कोई रिवार्ड नहीं मिलता है। रिवार्ड छोड़िए...कोई सीधे मुंह बात नहीं करता। डॉक्टर हों या तीमारदार-हर कोई हमें दबाने के फेर में रहता है। ऐसे माहौल में भला कौन काम करना चाहेगा? हमारा दर्द न तो सरकार समझती है न ही आला अफसर। दीगर है कि हमलोग स्वास्थ्य सेवा के मेरुदंड हैं। जिला महिला अस्पताल में 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान नर्सों का भाव उमड़ पड़ा। उन्हें लगा कि कोई तो है जो उनका दर्द सुनेगा और बांटेगा। इस विश्वास के साथ जब उन्होंने बातचीत शुरू की। आश्चर्य हुआ कि इतनी चुनौतियों में काम करने के बाद भी उनके चेहरों पर मुस्कान रहती है। गरिमा राय ने बताया कि ग्रामीण इलाकों के निजी अस्...