गाजीपुर, अगस्त 26 -- गाजीपुर। धार्मिक स्थलों के अस्तित्व पर संकट मडरा रहा है। उदासीन मठ जीर्णोद्धार के इंतजार में है। गंगा माता का मंदिर और दीवारें प्रत्येक वर्ष बाढ़ की चपेट में आने से जर्जर होती जा रही हैं। घाट पर गंदगी के बीच आवाजाही मजबूरी है। क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत नहीं कराई गई है। पेयजल के संसाधन नहीं हैं। हैंडपंप शोपीस बने हैं। शवों के दाह संस्कार के बाद स्नान करने में भारी दिक्कत होती है-यह कहना है कि पोस्ता घाट के बाशिंदों का। उनकी उम्मीदें जनप्रतिनिधियों और अफसरों पर टिकी हैं। गरपालिका के वार्ड नंबर-12 में पोस्ता घाट बसा है। पांच सौ से अधिक आबादी निवास करती है। पुराने समय में इसका नाम पोख्ता घाट हुआ करता था। बाद में इसे पोस्ताघाट कहा जाने लगा। यहा नंगे तार जमीन के करीब लटक रहे हैं। आवागमन के दौरान लोगों में दहशत बनी रहती है...