गया, मार्च 10 -- छात्रों के भविष्य उज्वल करने वाले शिक्षक आज अपने भविष्य की चिंता कर रहे हैं। वित्त रहित शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचरी करीब चार दशक से बिना वेतन के कार्य करने को विवश हैं। प्रतिदिन उनके जीवन में नई-नई समस्या उत्पन्न होने लगी हैं। शिक्षक अपने नियमित वेतनमान को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वित्त रहित शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचरी चार दशक से बिना वेतन के कार्य कर रहे हैं। नियमित वेतन नहीं मिलने की वजह से शिक्षकों की स्थिति दयनीय होने लगी है। अपने हक और अधिकार मंगाने को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं निकल पाया है। सभी जगह बेबसी सुनाने के बाद आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। वर्ष 2008 में अनुदान देने की घोषणा हुई थी। उसके शिक्षकों में ...