श्रीनगर, फरवरी 14 -- नगर निकायों के बावजूद यदि जनता सुविधाओं के लिए तरस रही हो तो फिर उनके औचित्य पर सवाल उठने लाजिमी हैं। जिला और मंडल मुख्यालय पौड़ी के लक्ष्मीनारायण बाजार की चरमराई सफाई व्यवस्था ने व्यापारियों के साथ स्थानीय निवासियों की दिक्कतों को बढ़ाया हुआ है। बाजार क्षेत्र में कूड़ेदान नहीं होने से स्थानीय निवासियों के साथ व्यापारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़क किनारे कूड़ा पड़ा होने की वजह से लावारिस पशु इसे इधर-उधर बिखेर देते है। प्रस्तुति है पौड़ी से अनिल भट्ट की रिपोर्ट... नगर निकाय से जुड़ी विभिन्न इकाइयां विकास का पैमाना होती हैं, लेकिन जब वो इकाइयां जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी न उतर पा रही हों तो जनता की निराशा को समझा जा सकता है। इस कड़ी में हम बात कर रहे हैं नगर पालिका पौड़ी की जो बनी तो वर्ष 1957 में थी, लेकि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.