रुद्रप्रयाग, अप्रैल 17 -- रुद्रप्रयाग को भले कभी पुनाड़गांव के नाम से ही पुकारा जाता था, लेकिन लहलहाती खेती के लिये मशहूर रहे पुनाड़गांव में आज किसान आजीविका के मुख्य साधन खेतीबाड़ी से मुंह मोड़ने को मजबूर हो गए हैं। दरअसल इसके पीछे की असल वजह है क्षतिग्रस्त और सूखी सिंचाई नहर। सिंचाई नहर वर्षों से क्षतिग्रस्त होने के साथ ही उसमें पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं होने से भी अब स्थानीय किसानों को खेतीबाड़ी छोड़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। विभागी अधिकारियों की उपेक्षा से लोग परेशान हैं। रुद्रप्रयाग से बद्री नौटियाल की रिपोर्ट... देश को खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाले किसान को अन्नदाता भी कहा जाता है लेकिन जब वो ही अन्नदाता किसान सरकारी मशीनरी की उपेक्षा और लापरवाही से परेशान होने लगे तो स्वाभाविक है कि वो खेतीबाड़ी से अपना मुंह मोड़ने को मजबूर होग...