चमोली, मई 20 -- चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव और सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण कर्णप्रयाग को पंच प्रयागों में तीसरे प्रयाग का दर्जा हासिल है। यहां अलकनंदा और पिंडर नदियों के संगम के दर्शनों को बड़ी संख्या में हर रोज तीर्थयात्रियों के साथ आम जनता भी पहुंचती है, लेकिन असुरक्षित घाटों और आवश्यक सुविधाएं नहीं होने से श्रद्धालुओं के साथ आम जनता भी काफी परेशान है। कई वर्षों पूर्व क्षतिग्रस्त हुए घाटों का निर्माण नहीं होने की वजह से संगम स्थल पर हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। कर्णप्रयाग से सतीश गैरोला की रिपोर्ट... महाभारत काल के प्रसिद्ध योद्धा, सूर्यपुत्र और दानवीर कर्ण के नाम से चर्चित नगरी कर्णप्रयाग अपनी सांस्कृतिक व धार्मिक महत्व के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। पंच प्रयागों में तीसरे प्रयाग कर्णप्रयाग में अलकनन्दा औ...